PM Svanidhi Yojana
PM स्वनिधि योजना,प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मा निर्भर निधि के बनाने लिए स्टार्ट किया गया है। यह जून 2020 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसका उद्देश्य COVID-19 महामारी के कारण प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को माइक्रो-क्रेडिट सुविधाएं प्रदान करना है। PM Svanidhi.
पीएम स्वनिधि की मुख्य विशेषताएं
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है |
- यह उन रेहड़ी-पटरी वालों को किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करेगा जो नोवल कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित हैं।
- इसे मार्च 2022 तक लागू किया जाएगा।
- विक्रेताओं को रुपये 10000 तक की प्रारंभिक कार्यशील पूंजी प्रदान की जाएगी।
- एक विक्रेता को ऋण के जल्दी या समय पर पुनर्भुगतान पर 7 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
- डिजिटल भुगतान पर मासिक कैश बैक प्रोत्साहन का प्रावधान है।
- 50-100 रुपये की सीमा में मासिक कैशबैक।
- एक विक्रेता के पास उच्च है । PM Svanidhi Yojana.
- इन संस्थानों को ज़मीनी स्तर पर उनकी उपस्थिति और छोटे व्यापारियों व शहरों की गरीब आबादी के साथ निकटता के कारण इस योजना में शामिल किया गया है।
- यह पहली बार है जब सूक्ष्म-वित्त संस्थानों (Micro finance Institutions- MFI)/ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Financial Company- NBFC)/स्वयं सहायता समूह (Self Help Group-SHG), बैंकों को शहरी क्षेत्र की गरीब आबादी से जुड़ी किसी योजना में शामिल किया गया है।
- इस योजना के लिये सरकार द्वारा 5,000 करोड़ रुपए की राशि मंज़ूर की गई है, यह योजना मार्च 2022 तक लागू रहेगी।
- साथ ही इस योजना के तहत यदि लाभार्थी लिये गए ऋण पर भुगतान समय से या निर्धारित तिथि से पहले ही करते हैं तो उन्हें 7% (वार्षिक) की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण’ (Direct Benefit Transfer- DBT) के माध्यम से 6 माह के अंतराल पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- इस योजना के तहत प्राप्त हुई पूंजी को चुकाने के लिये एक वर्ष का समय दिया जाएगा, विक्रेता इस अवधि के दौरान मासिक किश्तों के माध्यम से ऋण का भुगतान कर सकेंगे।
- ऋण प्राप्त करने के लिये आवेदकों को किसी प्रकार की ज़मानत या कोलैट्रल (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी।
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पीएम स्वनिधि के उद्देश्य
- 1.विक्रेताओं को किफायती कार्यशील पूंजी ऋण तक पहुंच प्रदान करने के लिए जो उन्हें देशव्यापी लॉकडाउन (महामारी के कारण) के बाद अपनी आजीविका गतिविधियों को फिर से शुरू करने में मदद कर सकते हैं।
- 2. कैश-बैक, बाद की मांगों पर उच्च ऋण आदि जैसे प्रावधानों द्वारा ऋणों के नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना।
- 3. ऋणों के डिजिटल पुनर्भुगतान का विकल्प चुनने वाले विक्रेताओं को पुरस्कृत करके डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना। PM Svanidhi.
योजना की पृष्ठभूमि
- 1.COVID-19 महामारी और परिणामी लॉकडाउन ने रेहड़ी-पटरी वालों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
- 2. वे आम तौर पर एक छोटे पूंजी आधार के साथ काम करते हैं, जिसका उन्होंने लॉकडाउन के दौरान उपभोग किया होगा।
- 3. इसलिए, रेहड़ी-पटरी वालों को कार्यशील पूंजी का ऋण उनकी आजीविका को फिर से शुरू करने में मददगार होगा।
प्रधानमंत्री स्वनिधि के तहत ऋण देने वाली संस्थाएं
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- सहकारी बैंक
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
- सूक्ष्म वित्त संस्थान
- स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बैंक
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राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पात्रता
- यह योजना केवल उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 के तहत नियमों और योजनाओं को अधिसूचित किया है।
- हालांकि, मेघालय के लाभार्थी, जिसका अपना राज्य सड़क विक्रेता अधिनियम है, भाग ले सकते हैं। PM Svanidhi Yojana.
कार्यान्वयन भागीदार
- भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) योजना प्रशासन के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का कार्यान्वयन भागीदार होगा।
- सिडबी एससीबी, आरआरबी, एसएफबी, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी सहित ऋण देने वाली संस्थाओं के नेटवर्क का लाभ उठाएगा
PM स्वनिधि योजना चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय’ (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा छोटे दुकानदारों और फेरीवालों (Street Venders) को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करने हेतु ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (The Pradhan Mantri Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi- PM Svanidhi ) या पीएम स्वनिधि नामक योजना की शुरुआत की गई है। PM Svanidhi.
निष्कर्ष :-
COVID-19 महामारी के कारण देश की औद्योगिक इकाइयों और संगठित क्षेत्र के अन्य व्यवसायों के अतिरिक्त असंगठित क्षेत्र और छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। देश में बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र के प्रमाणिक आँकड़े उपलब्ध न होने से इससे जुड़े लोगों को सहायता पहुँचाना एक बड़ी चुनौती रही है। साथ ही इस क्षेत्र के लिये किसी विशेष आर्थिक तंत्र के अभाव में छोटे व्यापारियों को स्थानीय कर्ज़दारों से महँगी दरों पर ऋण लेना पड़ता है। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से छोटे व्यापारियों को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध करा कर ऐसे लोगों को COVID-19 के कारण हुए नुकसान से उबरने में सहायता प्रदान की जा सकेगी।
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